हेमंत सोरेन के दफ्तर में भी हलचल तेज; विधायक और मंत्री जुटे , राज्यपाल पहुंचे राजभवन
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। चुनाव आयोग ने सोरेन की किस्मत का फैसला राज्यपाल रमेश बैस को एक सीलबंद लिफाफे में भेज दिया है। दरअसल, सोरेन पर मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए अपने नाम पर खनन पट्टे को लीज पर लेने का आरोप है। माना जा रहा है कि आयोग ने अपनी राय में हेमंत सोरेन की सदस्यता को रद्द करने की सिफारिश की है। इससे सूबे में सियासी हलचल तेज हो गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने सभी विधायकों को शाम तक रांची पहुंचने के लिए कहा है।
रांची आए राज्यपाल रमेश बैस
राज्यपाल रमेश बैस रांची आए। एयरपोर्ट पर मीडिया कर्मियों की धक्का-मुक्की की बीच उन्होंने कहा कि हम तो अभी राजभवन जाएंगे। रिपोर्ट देखेंगे फिर बात करेंगे। तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे।
रांची पहुंचे झारखंड के राज्यपाल
रांची पहुंचे झारखंड के राज्यपाल। इस बीच राजभवन की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।
मुख्यमंत्री आवास में सभी विधायकों को बुलाया गया
मुख्यमंत्री आवास में सभी विधायकों को बुलाया गया है। झामुमो के साथ-साथ कांग्रेस और राजद के विधायक पहुंच रहे हैं। कांग्रेस भवन से प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर समेत अन्य विधायक मुख्यमंत्री आवास के लिए रवाना।
सोरेन को अयोग्य घोषित कर देना चाहिए
झारखंड के पूर्व सीएम रघुबर दास ने कहा, 'देखते हैं कि राज्यपाल क्या कार्रवाई करते हैं। न केवल उनसे (झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन) उनकी सदस्यता छीन ली जानी चाहिए बल्कि उन्हें भी प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। उनके खिलाफ पीसी एक्ट के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि यह भ्रष्टाचार का मामला है। उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया है।'
शिवशंकर शर्मा ने दायर की थी याचिका
सूचना के अधिकार के तहत शिवशंकर शर्मा ने दो जनहित याचिकाएं दायर करते हुए खनन लीज आवंटन मामले की जांच सीबीआई और ईडी से कराने की मांग की थी। सीएम सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने नाम पर खनन पट्टा आवंटित करवा लिया। इसके अलावा सोरेन परिवार पर फर्जी कंपनियों में निवेश कर संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप है।
सीएम आवास पहुंचे कुछ मंत्री
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड सरकार के कुछ मंत्री रांची में सीएम के आवास पर पहुंच गए हैं। महाधिवक्ता भी पहुंचे हैं। सभी राजभवन को लाभ के पद मामले पर चुनाव आयोग की राय मिलने के बाद पहुंचे हैं।