मुंबई: महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच शिवसेना के राज्यसभा संजय राउत ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है. राउत ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री एनसीपी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार को धमका रहे हैं. उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, " महाविकास अघाड़ी सरकार को बचाने की कोशिश की तो शरद पवार को घर नहीं जाने देंगे, उन्हें रास्ते पर रोकेंगे, ऐसी धमकी बीजेपी के एक केंद्रीय मंत्री दे रहे हैं. अगर यह बीजेपी की अधिकृत भूमिका है तो आप ऐसा ऐलान कीजिए. सरकार टिकेगी या जाएगी, लेकिन शरद पवार के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल महाराष्ट्र को स्वीकार नहीं है." 'पवार साहब को मिल रही धमकियां' वहीं, इस संबंध में उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, " पवार साहब को धमकियां मिल रही हैं. एक केंद्रीय मंत्री धमकियां दे रहा है, कह रहा है कि घर नहीं जाने देंगे. पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह सुन लें - आपका एक मंत्री पवार जी को धमकियां दे रहा है, क्या आपको ये मंजूर है?" संजय राउत ने कहा, " आंकड़ा कभी स्थिर नहीं रहता. जिन 12 विधायकों ने बगावत की है, उनके खिलाफ ऐक्शन की शुरुआत की गई है. अब तो ये कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी. ये तो संवैधानिक लड़ायी है. लेकिन एक बात स्पष्ट है कि महाराष्ट्र में जो हो रहा है, उसके पीछे बीजेपी का हाथ है." एकनाथ शिंदे सदन में माना नेता गौरतलब है कि महाराष्ट्र में जारी सियासी संटक में बागी नेता एकनाथ शिंदे लगातार मजबूत और सीएम उद्धव ठाकरे कमजोर पड़ते दिख रहे हैं. गुरुवार को असम के गुवाहाटी में डेरा डाले शिवसेना के 37 बागी विधायकों ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल को पत्र भेजा, जिसमें कहा गया कि एकनाथ शिंदे सदन में उनके नेता रहेंगे. हालांकि, इससे पहले दिन में नरहरि जिरवाल ने कहा था कि उन्होंने बागी विधायक एकनाथ शिंदे की जगह अजय चौधरी को सदन में शिवसेना का विधायक दल का नेता नियुक्त किए जाने को मंजूरी दे दी है. हालांकि, शरद पवार ने कहा है कि बागी विधायकों को मुंबई वापस आना होगा और विधानसभा का सामना करना होगा. उन्होंने कहा कि गुजरात और असम के भाजपा नेता उनका मार्गदर्शन करने के लिए यहां नहीं आएंगे. एमवीए सरकार के भाग्य का फैसला विधानसभा में होगा, न कि गुवाहाटी में (जहां विद्रोही डेरा डाले हुए हैं). एमवीए सदन पटल पर अपना बहुमत साबित करेगा.
एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं द्रौपदी मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं
एनडीए की राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू नामांकन दाखिल कर रही हैं. इस दौरान पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेता मौजूद रहे. द्रौपदी मुर्मू के नामांकन में पीएम मोदी प्रस्तावक और राजनाथ सिंह अनुमोदक बने हैं. इतना ही नहीं द्रौपदी मुर्मू के नामांकन के दौरान एनडीए की एकजुटता भी नजर आई.
द्रौपदी मुर्मू के नामांकन के दौरान तमाम बीजेपी नेता मौजूद रहे. इसके अलावा बीजेपी शासित प्रदेशों के सीएम भी मुर्मू के नामांकन में पहुंचे. इस दौरान जदयू, बीजद के नेता भी शामिल हुए. बीजद प्रमुख नवीन पटनायक और आंध्र के सीएम जगन मोहन रेड्डी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन देने का ऐलान कर चुके हैं.
चार सेट में नामांकन किया दाखिल
द्रौपदी मुर्मू ने 4 सेट का नामांकन भरा. पहले सेट में पीएम मोदी प्रस्तावक और राजनाथ सिंह अनुमोदक हैं. इस सेट में बीजेपी संसदीय बोर्ड के सदस्य, केंद्रीय मंत्री और राज्य मंत्री हैं. इस सेट में अभी तक 60 प्रस्तावक का नाम है और 60 अनुमोदक का. यानी इस तरह हर सेट में 120 नाम हैं.
दूसरे सेट में जेपी नड्डा प्रस्तावक
दूसरे सेट में बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा प्रस्तावक हैं. इसमें भी प्रस्तावक के तौर पर 60 नाम हैं और 60 अनुमोदक हैं. इस सेट में योगी, हिमंता बिस्वा सरमा के अलावा बीजेपी शासित सभी एनडीए के मुख्यमंत्री प्रस्तावक हैं.
तीसरा सेट हिमाचल और हरियाणा के विधायकों का है. वे ही प्रस्तावक और अनुमोदक हैं. चौथा सेट गुजरात के विधायकों का है. वे ही प्रस्तावक है और अनुमोदक हैं. बीजू जनता दल और वाईएसआर ने भी सेटों पर हस्ताक्षर किए हैं.
ओडिशा की रहने वाली हैं मुर्मू
18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव है. एनडीए ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है. जबकि विपक्ष की ओर से यशवंत सिन्हा चुनाव मैदान में हैं. द्रौपदी मुर्मू गुरुवार को अपने गृह राज्य ओडिशा से दिल्ली पहुंची थीं. दिल्ली में उन्होंने पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी.
झारखंड की राज्यपाल रह चुकीं मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू का जन्म ओडिशा आदिवासी जिले मयूरभंज के रायरंगपुर गांव में हुआ. द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल भी रह चुकी हैं. 18 मई 2015 से 12 जुलाई 2021 तक झारखंड के राज्यपाल पद पर रहीं.
द्रौपदी मुर्मू ओडिशा की पहली महिला और आदिवासी नेता हैं, जिन्हें राज्यपाल नियुक्त किया गया था. मुर्मू 2013 में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एसटी मोर्चे की सदस्य रहीं. 10 अप्रैल 2015 तक उन्होंने यह पद संभाला था. वह 2013 में ओडिशा के मयूरभंज की जिला अध्यक्ष निर्वाचित हुईं थी. वह 2010 में भी जिला अध्यक्ष निर्वाचित हुई थीं.