वसुंधरा ने किया सरेंडर, पूनिया का जलवा, नड्डा की नसीहत पर बदले समीकरण
बीजेपी की जयपुर में हुई हाई लेवल मीटिंग के बाद राजस्थान बीजेपी में सियासी समीकरण तेजी से बदलते जा रहे हैं। सतीश पूनिया गुट वसुंधरा गुट पर हावी होता दिखाई दे रहा है। चर्चा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की नसीहत के बाद वसुंधरा गुट ने सरेंडर कर दिया है। वसुंधरा गुट के नेताओं ने चुपी साध ली है। वसुंधरा राजे की खामोशी मिशन 2023 पर भारी पड़ सकती है। समर्थकों का कहना है कि वसुंधरा राजे को साइडलाइन किया गया गुटबाजी को हवा मिलेगी। वसुंधरा राजे का पार्टी में कद काफी बड़ा है। उन्हें रोक पाना मुश्किल है। वसुंधरा राजे की जगह बीजेपी किसी शेखावत या पूनिया को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करती है तो इसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है।
पीएम मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएग चुनाव
हालांकि, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा स्पष्ट कर चुके हैं कि राजस्थान विधानसभा चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा। उल्लेखनीय है कि 19 से 21 मई तक जयपुर में बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक हुई थी। बैठक में राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए मंथन किया गया था। हालांकि, बैठक में वसुंधरा और पूनिया ने एकजुटता का संदेश जरूर दिया। लेकिन दोनों नेताओं के बीच सियासी खींचतान जारी है। वसुंधरा राजे गुट झुकने के लिए तैयार नहीं है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को सीएम चेहरा घोषित करने की मांग पर कायम है।
वसुंधरा की खामोशी पड़ सकती है भारी
राजस्थान की राजनीति में वसुंधरा राजे बीजेपी की एकछत्र नेता रही है। दो बार मुख्यमंत्री पद संभाल चुकी है। केंद्रीय मंत्री रह चुकी है। प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुकी है। लेकिन इस बार वसुंधरा राजे के लिए राह आसान दिखाई नहीं दे रही है। कुछ घटनाएं ऐसे हुई है जिन्हें देखकर अनुमान लगाया जा सकता है कि राजस्थान बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। हाल ही में जयपुर में आए संगठन महामंत्री बीएल जोशी को कहना पड़ा कि कोई गलतफहमी न रहे। सबसे बड़ा संगठन होता है। पार्टी में गुटबाजी और खींचतान नहीं चलेगी। बीजेपी की हाई लेवल मीटिंग को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने भी कहा कि संगठन बड़ा होता है। व्यक्ति नहीं। निजी स्वार्थ से ऊपर उठकर काम करना चाहिए। जानकारों का कहना है कि दोनों नेताओं का इशारा वसुंधरा राजे की तरफ ही माना जा रहा है। बीजेपी की मीटिंग के बाद पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने चुप्पी साध ली है। वसुंधराजे की खामोशी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के लिए भारी पड़ सकती है।
बीजेपी नेताओं की जेपी नड्डा की नसीहत
बीजपी की हाई लेवल मीटिंग के बाद जेपी नड्डा ने हाल में बीजेपी के पदाधिकारियों की बैठक ली। जिसमें राजस्थान समेत बीजेपी शासित राज्यों के पदाधिकारी जुड़े थे। मीटिंग में जेपी नड्डा ने राजस्थान बीजेपी नेताओं से कहा कि कमजोर बूथों पर फोकस कीजिए। बूथ कमजोर है। निचोड़ निकालकर लाओ पार्टी कमजोर क्यों हुई। नड्डा की नसीहत को सीधे तौर पर वसुंधरा राजे गुट पर हमला माना जा रहा है। क्योंकि वसुंधरा राजे के शासन में पार्टी को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया पार्टी में किसी भी तरह की गुटबाजी से इंकार करते हैं। पूनिया का कहना है कि पार्टी एकजुट है। किसी तरह का असंतोष नहीं है। विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी की सरकार बनेगी।