रेल स्क्रेप धांधली मामले में फरार हुए इंजीनियरिंग विभाग के तीन अधिकारी , 9 के अलावा अब 3 रेलवे कर्मचारी भी गिरफ्तार
सूरत रेलवे स्टेशन पर रेल भंगार (स्क्रेप ) की धांधली के मामले की जांच में बुधवार को दिन भर हलचल रही। इस मामले में अब भंगार बेचने वाले रेलवे कॉन्ट्रैक्टर और रिसीवर समेत 9 की गिरफ्तारी के बाद अब ग्रुप डी के तीन रेल कर्मचारियों की भी गिरफ्तारी की गई है। साथ ही संदेह के घेरे में रहे रेलवे के आईओडब्यू और पीडब्ल्यूआई (इंजीनियरिंग विभाग ) फ़रार हो गए। आरपीएफ की इंक्वायरी में ये रेलवे के सीनियर इंजीनियर पहुंचे ही नहीं शाम तक इनका इन्तजार किया गया। इसके बाद इन्हे फरार मान लिया गया। अब आरपीएफ इन्हे पकड़ने की कवायद शुरू करेगी ताकि इनसे पूछताछ की जा सके। बता दें कि सोमवार को यह मामला पकड़ में आने के बाद से ही इसमें रेलवे के आईओडब्ल्यू और पीडब्ल्यूआई की संलिप्तता बताई जा रही थी।
स्क्रेप बेचने वाला निकला रेलवे का कॉन्ट्रैक्टर
इस मामले में जिस आरोपी शाबिर ने रेलवे का स्क्रेप सचिन नाका में जाकर कबाड़ी के यहां बेचा दरअसल वह रेलवे का कॉन्ट्रैक्टर बताया जा रहा है। शाबिर रेलवे में छोटे छोटे काम का कॉन्ट्रैक्ट लेता है। सूत्रों ने बताया कि आरोपी शाबिर सूरत में रेलवे कर्मियों की सह पर ही इसे बेचने का साहस किया। शाबिर ने रेलवे का स्क्रेप सलीम अब्दुल गफ्फार को बेचा। दोनों गिरफ्तार हैं। दोनों ने रेलवे के ग्रुप डी के तीन कर्मचारियों का नाम लिया जिसमे उन्होंने बताया कि नवीन,सतीश और राहुल के कहने पर यह स्क्रेप हमने बेचा। तीनों को आरपीएफ ने गिरफ्तार भी कर लिया है।
महीने भर पहले से स्क्रेप बेचने का खेल था शुरू
जानकारी के अनुसार यह स्क्रेप पहली बार नहीं बेचा गया। इससे एक महीने पहले ही शाबिर ने चार टन स्क्रेप बेचा था और सलीम को ही बेचा जबकि 23 और 24 अप्रैल को फिर से चार -चार टन स्क्रेप बेचा और 25 अप्रैल को जब फिर बेचने गए तब इसकी भनक आरपीएफ को लग गई। सूरत आरपीएफ क्राइम ब्रांच सचिन नाका पर सलीम के उस कबाड़ के दूकान पर जा पहुंची जहां रेलवे का स्क्रेप रखा हुआ था। जिसे जब्त कर लिया गया। इसमें शाबिर और सलीम के अलावा कुल 7 लेबर भी जिससे 9 लोग गिरफ्तार हुए। यह स्क्रेप धांधली रेलवे कर्मचारियों और कॉन्ट्रैक्टर की मिलीभगत से हुई। इसमें रेल कर्मियों ने पैसे कमाने के लालच में कॉन्ट्रैक्टर शाबिर का साथ दिया।
वरिष्ठ सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में संदेह के घेरे में सीनियर सेक्शन इंजीनियर (पीडब्ल्यूईआई ) संजय पांडेय और सीनियर सेक्शन इंजीनियर (आईओडब्ल्यू ) पंकज और निरंजन फरार हो गए है। मंगलवार को इन्हे आरपीएफ के समक्ष पेश होना था लेकिन ये हाजिर नहीं हुए जिससे आरपीएफ का शक और गहरा हो गया है और इन तीनो को ढूढ़ने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इनकी गिरफ्तारी भी तय मानी जा रही है।
रेलवे के वरिष्ठ सूत्रों ने बताया कि शाबिर रेलवे का कॉन्ट्रैक्टर था। यह स्क्रेप इत्यादि का कॉन्ट्रैक्ट लेता था सामान यहां से वहा ले जाता था। इसने इसी का फायदा उठाया जिससे रेलवे अधिकारियो को शक न हो। इसी का फायदा सूरत रेलवे इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियो ने उठाया और कॉन्ट्रैक्टर का साथ दिया जिससे शाबिर ने स्क्रेप में रेल,फिश प्लेट,सरिया और लोहे का एंगल इत्यादि का स्क्रेप बेचना शुरू किया था। लेकिन आरपीएफ के गुप्तचरो ने इसकी सुराख निकाल ली और आरपीएफ क्राइम ब्राँच को इसकी भनक लग गई।