शिवराज सरकार में दोषियों पर सजा नही
*अजय राज केवट अटल स्वर विचार।*
शुजालपुर एक तरफ मध्य प्रदेश के मुख्य माननीय शिवराज सिंह चौहान भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मंच पर बड़े-बड़े भाषण दे रहे हैं वह छोटी बड़ी कार्रवाई करने का धसोकला कर रहे हैं मगर उनकी मेहनत पर पानी फिरता जा रहा उनके भाषण न कार्यवाही का कोई असर नही हो रहा है ऐसा ही एक मामला शुजालपुर नगर पालिका में पदस्थ भृत के पद पर पहलाद मालवीय द्वारा पेसे कमाने के चक्कर मे किसी भी हद तक जा सकते है ऐसा ही एक मामला फर्जी नामंत्रण का है उल्लेखनीय है कि शुजालपुर नगर पालिका में पदस्थ मालवीय जो अभी नगरपालिका में राजस्व विभाग में पदस्थ है मालवीय द्वारा ब्रज नगर स्थित मकान जो कि स्व शिखर चंद चोपड़ा के नाम था उसके बाद उनकी पत्नी श्रीमती कमला बाई चोपड़ा के नाम किया गया था उक्त मकान को उनके बेटे मुकेश चोपड़ा द्वारा उनकी मृत्यु पूर्व ही पहलाद मालवीय से मिलकर दिनांक 3 जून 2019 को नामांतरण कर लिया जिस पर श्रीमती कमला बाई द्वारा 5 जुलाई 2018 को आपत्ति दर्ज की गई कि उनकी मृत्यु के उपरांत बिल में हिमांशु चोपड़ा के नाम होने से जब प्रार्थी द्वारा नगर पालिका में नामांतरण करने के लिए प्रस्तुत किया तो मालूम पड़ा कि उक्त संपत्ति का नामांतरण मुकेश चोपड़ा के नाम से फर्जी कागजों पर हो चुका है जिसकी शिकायत हिमांशु चोपड़ा द्वारा कलेक्टर कमिश्नर आदि अधिकारियों को की गई जिसमें जांच कमेटी बैठाई गई जांच कमेटी द्वारा फर्जी नामांतरण की प्रक्रिया बनाई गई जिसमें पहलाद मालवीय दोषी भी पाया गया लेकिन सीएमओ निगहत सुलताना द्वारा आज दिनांक तक पहलाद मालवीय पर कार्रवाई नहीं करके भ्रष्टाचार को और बढ़ावा देने का कार्य कर रही है वही दूसरी ओर देखा जाए तो पहलाद मालवीय द्वारा चन्द पैसे लेकर छुट्टी वाले दिन ही नामंत्रण कर दिया गया 14-4-2018 को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती भी थी वह सेकंड शनिवार था शासकीय विभागों की पूरी तरह छुट्टिया रहती है मगर पहलाद मालवीय द्वारा छुट्टी वाले दिन ही फर्जी तरीके से नामंत्रण कर दिया गया मगर भ्रष्ट पहलाद मालवीय ने ये किस की शह पर किया है या इशारे पर अभी उसका नाम स्प्ष्ट नहीं हुआ है क्या शासकीय कार्यालयों में भी छुट्टी वाले दिन आना जाना लगा रहता है पहलाद मालवीय द्वारा पूर्व सीएमओ प्रदीप कुमार शास्त्री के फर्जी हस्ताक्षर भी किए गए क्या एक उच्च अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर करना कानूनी अपराध नही बनता है
*आखिर पहलाद मालवीय को क्यों बचा रही है सीएमओं निगहत सुल्ताना*
सीएमओ निगहत सुल्ताना ने एक दोषी पर कार्यवाही करने की बजाय पहलाद मालवीय को इनाम देकर हाथ मे एक ओर पैसे कमाने की बड़ी कमान सौंप दी है व प्रमोशन कर दिया गया इन जैसे भ्रष्टों पर विश्वास कर इनको वाहन प्रभारी बनाया गया क्या ये भ्रष्ट अपनी ईमानदारी से अपना कार्य करेगा या युही भ्रष्टाचार करता रहेगा यह भी विचारणीय विषय है